
समास
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दो या दो से अधिक शब्द मिलकर जो नया या छोटा शब्द बनता है उस शब्द को हिन्दी मे समास कहते हैं
उदहारण
समस्तपद |
अर्थ (विग्रह) |
भेद |
वनवास |
वन में वास |
? |
राजा रानी |
राजा और रानी |
? |
राजपुरुष |
राजा का पुरुष |
? |
गंगाजल |
गंगा का जल |
? |
भेद (समास)
- अव्ययीभाव : जिसमे पहला पद प्रधान होता है
- तत्पुरुष: जिसमे दूसरा पद प्रधान होता है
- दुंदु : जिसमे दोनों पद प्रधान है
- बहुब्रीहि : जिसमे कोई पद प्रधान नहीं होता
तत्पुरुष के दो भेद होते हैं
- द्विगु
- कर्मधारय
पद -अर्थ – शब्द
राजपुरुष
उदहारण-राजपुरुष कल आया था ( इस वाक्य में दूसरा पद प्रधान है )
राजा -रानी कल आए थे (इस वाक्य में दोनों पद प्रधान हैं )
1.अव्ययीभाव
जिसमे पहला पद प्रधान होता है
अव्ययीभाव पहचानने का trick- वाक्य में पहला पद अव्यव या उपसर्ग होगा
समस्तपद | अर्थ (विग्रह) |
यथाविधि | विधि के अनुसार |
आसेतु | सेतु तक |
घर घर | प्रत्येक घर |
आमरण | मरण तक |
2.तत्पुरुष ( द्विगु)
द्वि – दो
द्विगु पहचानने का trick- जिसमे पहला पद संख्यावाची हो
तिरंगा- तीन रंगो का समाहार
चौराह-चार राहों का समूह
अन्य उदहारण
नवरात्र | नौ रत्नो का समूह |
सतसई | सात सौ का समाहार |
दो राहा | दो राहों का समाहार |
सप्ताह | सात दिनों का समूह |
सप्तऋषि | सात ऋषियों का समूह |
कर्मधारय तत्पुरुष समास
इसमें पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है
trick – है जो , के समान , रुपी
काली मिर्च | काली है जो मिर्च |
शूरवीर | शूरों के समान वीर |
गुरुदेव | गुरु रुपी देव |
3. दुंदु : जिसमे दोनों पद प्रधान है
Trick – वाक्य में और या
भाई- बहन | भाई और बहन |
लव -कुश | लव और कुश |
थोड़ा- बहुत | थोड़ा और बहुत |
थोड़ा बहुत नमक डाल दो
थोड़ा और बहुत ❌
थोड़ा या बहुत ✅
अन्न जल | अन्न और जल |
कृष्णार्जुन | कृष्ण और अर्जुन |
दिन रात | दिन और रात |
शीतताप | शीत या आतप |
काला गोरा | काला और गोरा |
दाल रोटी | दाल और रोटी |
यशपायश | यश या अपयश |
शीतोष्ण | शीत या उष्ण |
सुरासुर | सुर या असुर |
देश विदेश | देश और विदेश |
4.बहुब्रीहि : जिसमे कोई पद प्रधान नहीं होता (तीसरा पद प्रधान होता है )
समस्तपद | अर्थ (विग्रह) | तीसरा पद |
दशानन | दश + आनन | दश सिर वाला रावण |
trick- जिसका, जिसके, जिसकी ,जो वाला
महावीर | महान है वीर जो | हनुमान |
चतुर्भुज | चार हैं भुजाएं जिसकी | विष्णु |
नीलकंठ | नीला है कंठ जिसका | शिवाजी |
अन्य उदहारण
गजानन | गज है आनन जिसका | गणेश |
त्रिनेत्र | तीन नेत्र हैं जिसके | शिव |
लम्बोदर | लम्बा है उदर जिसका | गणेश |
पीताम्बर | पीले हैं वस्त्र जिसके | कृष्ण |
चक्रधर | चक्र को धारण करने वाला | विष्णु |
वीणापाणी | वीणा हैं हाथ में जिसके | सरस्वती |
श्वेताम्बर | सफ़ेद वस्त्रों वाली | सरस्वती |
त्रिलोचन | तीन आँखों वाला | शिव |
चतुरानन | चतुर आनन् है जिसके | ब्रह्मा |
षडानन | षट आनन् है जिसके | कार्तिकेय |
कारक | विभक्ति चिन्ह |
कर्ता | ने |
कर्म | को |
करण | से |
साप्रदान | के लिए |
अपादान | से (अलग होना) |
संबंध | का के की |
अधिकरण | में पर |
संबोधन | हे ! अरे ! |